भारत में भी होगी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट आधारित सर्जरी
सेहतराग टीम
कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट को आने वाले कल की तकनीक माना जा रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट का इस्तेमाल तेज गति से बढ़ रहा है। ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र भला इससे अछूता कैसे रह सकता है। गौरतलब है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट दरअसल सामान्य इंसानी बुद्धि से इतर मशीन का दिमाग होता। यानी इंसानी दिमाग की जगह किसी काम में मशीन में पहले से भरी जानकारी के आधार पर उसके विश्लेषण का इस्तेमाल किया जाता है। इसी तकनीक के तहत भारत में पहली बार युवा चिकित्सा स्नातकों को सर्जरी का प्रशिक्षण देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस) आधारित ‘ओपन ऑर्थोपेडिक सर्जरी सिम्युलेटर’ की देश से शुरुआत की गई है।
चिकित्सकों का कहना है कि यह तकनीक भारतीय परिस्थितों के लिहाज से काफी बेहतर है जहां चिकित्सक और मरीज के बीच अनुपात विश्वभर में सबसे कम है। इससे ऐसा वातावरण बनाने में सहायता मिलेगी जहां केवल प्रशिक्षित हाथ ही सर्जरी कर पाएंगे।
मेडअचीवर्स एकैडमिक काउंसिल और लैबइंडिया हेल्थकेयर द्वारा लॉन्च यह तकनीक कुछ मेडिकल कॉलेजों में स्नातक तथा परास्नातक स्तर पर उपलब्ध होगी।
मेडअचीवर्स के संस्थापक तथा प्रबंध निदेशक डॉक्टर हर्षा वर्धन ने बताया, ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सिम्युलेटर का इस्तेमाल रीढ़ की हड्डी की सर्जरी, घुटने की सर्जरी, घाव भरने तथा अन्य प्रकार की सर्जरी में किया जाएगा। इससे यकीनन लाखों जिंदगियों को बचाने में मदद मिलेगी जो किसी खास क्षेत्र में प्रशिक्षित चिकित्सकों के आभाव में खत्म हो जाती हैं।’
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में हिमेटोलॉजी एंड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के निदेशक डॉक्टर राहुल भार्गव कहते हैं, ‘ओपन सर्जरी सिम्युलेटर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अनेक लाभ देगी। उनमें से पहला और प्रमुख है कि इससे एक ऐसा वातावरण बनेगा जहां मरीजों की सर्जरी केवल कुशल चिकित्सक करेंगे।’
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